
सारंगढ़ जनपद पंचायत चुनाव में बागी भाजपाईयो पर अनुशासन का चल सकता है डंडा?
प्रदेश में भाजपा बागियो पर कर रही है निष्कासन की कार्यवाही,
सारंगढ़ मे बहुमत के बाद भी भाजपा ने गंवाया है जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का पद?
सारंगढ़ मे भी कार्यवाही की लगातार हो रही है मांग?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ जनपद पंचायत चुनाव में बहुमत होने के बाद भी भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के सर्मथन से जनपद पंचायत के अध्यक्ष बनने वाली ममता सिंह ठाकुर, उनके पति राजीव सिंह ठाकुर और चार जनपद सदस्यो के खिलाफ क्या प्रदेश भाजपा निष्कासन की कार्यवाही कर सकती है? यह सवाल इसलिये सामने आ रहा है क्योकि कई जगहो पर प्रदेश भाजपा ने बगावत करने वाले भाजपा नेताओ को पार्टी से 6 साल के लिये निष्कासन करना शुरू कर दिया है। गुरूर जनपद पंचायत के अध्यक्ष और कोरबा नगर निगम के सभापति को ऐसा कृत्य के कारण से पार्टी से 6 साल के लिये निष्काषित किया गया है। ऐसे मे सारंगढ़ मे भी कड़ी कार्यवाही की मांग भाजपा कार्यकर्ता सोशल मिडिया मे करते आ रहे है।
दरअसल सारंगढ़ में भाजपा के पास 25 सदस्यो वाली जनपद पंचायत में 14 जनपद सदस्य होने के बाद भी जनपद अध्यक्ष का चुनाव हार गई। इसके पीछे जनपद सदस्य ममता सिंह का भाजपा से बगावत करना तथा अध्यक्ष का फार्म भर कर भाजपा के अधिकृत
उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़कर कांग्रेस के सहयोग से जीत दर्ज करना है। इस मामले को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओ मे खासा आक्रोश है। सोशल मिडिया में ममता सिंह के बगावत वाले कृत्य को लेकर भी कार्यवाही की लगातार मांग हो रही है। वही आज प्रदेश भाजपा के द्वारा गुरूर जनपद पंचायत के अध्यक्ष तथा कोरबा नगर निगम के सभापति को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करके चुनाव लड़ने के कारण से 6 साल के लिये पार्टी से निष्कासित करने के बाद यह बात जोर पकड़ने लगी की सारंगढ जनपद पंचायत के अध्यक्ष ममता सिंह ठाकुर पर भी कार्यवाही किया जाये। साथ ही सोशल मिडिया तथा भाजपा के व्हाटसअप ग्रुप मे भी लगातार इस बार पर जोर दिया जा रहा है कि ममता सिंह को बगावत कराने मे सहयोग करने वाले बड़े भाजपा नेताओ के खिलाफ भी कार्यवाही किया जाये। सुनियोजित षड़यंत्र के तहत भाजपा मे बगावत कराकर भाजपाई जनपद सदस्यो को कांग्रेस को सौपने तथा जनपद पंचायत सारंगढ़ में कांग्रेस के सर्मथन से जनपद पंचायत के अध्यक्ष बनाये जाने को एक सोची समझी रणनिति के तहत किया गया षड़यंत्र बताकर इसमे कुछ बडे भाजपा नेताओ का हाथ होने की बाते कही जा रही है तथा उनके खिलाफ भी कार्यवाही की मांग किया
जा रहा है।
भाजपा ने शुरू किया अनुशासन तोड़ने वालो पर कार्यवाही शुरू?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ ने पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। बालोद की नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सभापति को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। गुरूर जनपद पंचायत में सुनीता साहू अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से बागी होकर भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। जिसके कारण अब उन पर एक्शन लिया गया है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष को पार्टी ने किया निष्काषित दरअसल, गुरूर ब्लॉक की नवनिर्वाचित अध्यक्ष को भाजपा ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से 6 सालों के
लिए निष्कासित कर दिया है। इस संबंध में भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने उसके निष्कासन का आदेश जारी किया है। भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाली भाजपा की बागी सुनीता साहू अध्यक्ष पद के लिए विजयी हो गई है। वहीं भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी सुभद्रा साहू की हार हुई है। कोरबा नगर निगम के सभापति को भाजपा ने पार्टी से किया निष्काषित वहीं कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। भाजपा से बागी होकर सभापति का चुनाव लड़ा था।चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को महज 18 मत मिले थे। जिसके बाद पार्टी ने अनुशासन का डंडा चलाते हुए निष्कासित कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री को BJP ने भेजा कारण बताओ नोटिस, 48
घंटे में देना होगा जबाव,
छ्त्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री लखन देवांगन को बीजेपी ने कारण बताओ नोटिस भेजा है. लखन देवांगन को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है.
कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को निष्कासित करने के बाद पार्टी ने यह नोटिस भेजा है. सभापति के चुनाव के बाद लखन
देवांगन ने मीडिया को बयान दिया था. पार्टी ने इसी बयान को अनुशासनहीनता माना है, प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी रामू रोहरा ने नोटिस भेजा है.
सभापति के चुनाव के बाद मंत्री लखनलाल देवांगन ने मीडिया में बयान दिया था. उन्होंने बीजेपी के बागी नूतन सिंह को बधाई देते हुए कहा था कि पार्टी ने
हितानंद अग्रवाल को घोषित था. सभा पार्षदों ने एकजुट होकर नूतन सिंह को समर्थन दिया. सबका फैसला मान्य है और हमारा उनको सहयोग रहेगा. देवांगन के
इसी बयान को बीजेपी ने अनुशासनहीनता माना है. साथ ही नोटिस में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर 48 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है।